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राजनीती में नई पीढी

कांग्रेस के संकटमोचक श्री पर्णवमुखर्जी का ताज़ा बयान कि राहुल गाँधी अगले प्रधानमंत्री हो सकते है ये कोई नई बात् नही लगती क्योकी इससे पहले दिग्विजय सिंह और अर्जुन सिंह भी इस बात को दोहरा चुके है विपक्ष इसे परम्परा से जोडेगा लेकिन आज देश की हर पार्टी का कमोबेश यही हाल है हर पार्टी परिवारवाद से आलिंग है लेकिन नई पीढी कि इस कंपनी से कुछ उम्मीद कि जा सकती है राहुल , जितिन प्रसाद , अखिलेश यादव,सचिन पाइलेट, ऊमर अब्दुला आदि कुछ उधाहरण सामने है।

ऊमर अब्दुला को कमान सोंप इसका आगाज़ भी हो चुका है। नई पीढी नई बुनियाद पर काम करेगी। पर क्या आवाम राहुल गाँधी को स्वीकार करेगी , उस स्थिति में जब उनके सामने हिंदूवादी विचारधारा के लाल कृषण आडवानी होंगे

जारी है ...............................................

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मै पूत हां किसान दा ... गल करदा तकळे वन्गू सीदी मै इसी मिट्टी दे विच जमया हां.... ऐहे जमीन साडी मां हुंदी, दिल्ली दी संसद चे बह के तुस्सी करदे हो गल साडे हक दी, पर दिल्ली नहीं जानदी गल साडे दिल दी, बणिये , साहुकारां ते पत्रकारा नूं वल अपणे करके सरकारा सानू फायदे दसदी हैं पर जट दे पांव जडों जमीन दे पैदे हैं ता साडी जमीन भी हंसदी हैं....ते कहदी हैं... जटा अज गल तेरी पग ते आ खड़ी हैं.... सभाल पग अपणी, भावे पेजे अज 32 बोर चकणी.... एक एक दे गीटे भन्न दई.... गल बद जे ता वेरीया नू सफेदेया दे टंग दई.... पर जटा मै तेरी माँ हां... मां दी राखी लई तू अपणा शीश वी ला दई... अज दिया सरकारा नूं साडी लगदा फिक्र बाळी हैं... पर ओना नू की पता होदा की पंजाळी हैं.... औहो झूटे लंदे 20 लख दी गडिया ते,,, मै झूटे लंदा हा 20 फुट लम्बे सुहागे ते.... बस करो सियासत दे बंदयो....तुहाडे झास्या चे नहीं आणा.... तुस्सी ता हो ही इने झूटे की साख करादो ... भांवे बंदा होवे काणा.... बस ईनी जेही विनती हैं कि अपनी भेड़ी नज़रा दूर रखों साड़ी पेळीया तो...

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